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साध्वी यौन शोषण केस में डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम को 20 साल की सजा सुना दी गई है। इस पूरी लड़ाई को जिन साध्वियों ने लड़ा उनमें से एक सामने आई हैं। इस महिला के अब दो बच्चे हैं और जब इसका यौन शोषण किया गया तब ये कालेज में पढ़ती थी।
पीडि़ता का कहना है कि वे कोर्ट में गवाही के दौरान कभी भी राम रहीम से नहीं डरी। दरअसल सीबीआई ने 18 महिलाओं को राम रहीम क खिलाफ गवाही देने के लिए मनाया, लेकिन सिर्फ दो ही महिलाओं ने हिम्मत दिखाई और गवाही दी। इन दिनों कड़ी सुरक्षा में रही इस महिला की सुरक्षा पहले से भी बढ़ा दी गई है। इस महिला ने बताया कि जब उसने राम रहीम के खिलाफ 2009 में बयान दिया था तो राम रहीम कोर्ट में मौजूद था, लेकिन मैं उससे ना उस वक्त डरी थी और ना ही आज मैं उससे डरी हूं। तकरीबन 40 वर्षीय महिला ने बताया कि जबसे पंजाब और हरियाणा की कोर्ट ने उस अज्ञात पत्र का संज्ञान लिया है तबसे मैं पुलिस की सुरक्षा में हूं। राम रहीम को सजा मिलने पर पीडि़ता ने कहा कि मुझे आज न्याय मिला है।
महिला के एक करीबी रिश्तेदार का कहना है कि महिला जब कॉलेज में पढ़ती थी तो डेरा के सिरसा मुख्यालय में उसका यौन शोषण किया गया था। एक अंग्रेजी अखबरा में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला अब विवाहित है और उसके दो बच्चे हैं। महिला का बड़ा भाई भी राम रहीम का भक्त था जिसकी 2002 में हत्या करवा दी गई क्योंकि राम रहीम को इस बात का शक था कि उसी ने वह पत्र लिखा था, जिसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर हुई थी। महिला के रिश्तेदार ने बताया कि हालांकि हम बेहद ही संकुचित परिवार से आते हैं लेकिन पूरे परिवार ने महिला का इस मामले में साथ दिया और उसके साथ खड़े रहे। दिलचस्प बात ये कि इस महिला के साथ हर बार गवाही देने उसके पिता जाते रहे हैं। अब उनका निधन हो गया।