सिक्किम सीमा पर स्थित विवादित क्षेत्र डोकलाम को लेकर पिछले करीब दो महीनों से भारत-चीन की सेना के बीच चल रहे गतिरोध पर अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने अपने बयान में कहा है कि डोकलाम मुद्दे पर भारत परिपक्व ताकत की तरह व्यवहार करता नजर आ रहा है और जबकि वहीं चीन क्रोधित टिनेजर की तरह पेश आ रहा है। शीर्ष अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने आगे कहा कि भारत और चीनी सेना के बीच डोकलाम में बीते 50 दिनों से एक- दूसरे का सामना करने के लिए डटे हुए हैं। यूएस नैवल वॉर कॉलेज के प्रोफेसर जेम्स आर होल्म्स ने भारत के रुख की प्रशंसा करते हुए कहा कि नई दिल्ली ने न तो विवाद से पीछे हटा है और न चीन की तरह पेश आया है। मामले में अमेरिका के रुख पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि विवाद अधिक बढ़ जाने पर अमेरिका भारत के समर्थन में उतर आए पर अभी शायद पीएम मोदी व भारतीय सलाहकार इस मामले पर अमेरिका का हस्ताक्षेप न चाहते हों।
यहां बता दें कि डोकलाम पर भारतीय सेना को पीछे हटाने के लिए चीन की ओर से लगातार धमकी भरी गीदड़भभकियां दी जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर भारत की तरफ से इस प्रकार की कोई भी धमकी चीन को नहीं दी गई है, लेकिन सीमा पर चीन के सैनिकों के सामने भारतीय सैनिक डटे हुए हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत की परिपक्वता का परिचय देता है जहां चीन टिनेजर की तरह दिख रहा है। खास बात ये भी है कि एक तरफ डोकलाम क्षेत्र में कब्जे के इरादे से चीन लगातार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ अब चीनी नौसेना की नजर हिंद महासागर पर है। चीनी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारतीय पत्रकारों के दल से कहा, ‘हमारे ऊपर लोग सीमा विस्तार का बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, हम तो केवल अपनी सीमा की रक्षा करते हैं। हमारी सीमा में जो कोई भी दाखिल होने की कोशिश करेगा हम उसे सख्त जवाब देंगे।’ चीनी अधिकारी ने कहा कि हिन्द महासागर में हमें भारत का साथ चाहिए, इसके लिए हम लगातार प्रयास में हैं। भारत और चीन मिलकर ही हिन्द महासागर की सुरक्षा कर सकते हैं।
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