भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पुत्र जय शाह की कंपनी पर लगे आरोपों पर आज चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसमें भ्रष्टाचार जैसी कोई बात नहीं है तथा जो लोग इसके कारोबार के बढ़कर 80 करोड़ का होने की बात करते हैं वे यह क्यों नहीं बताते कि इसके बावजूद कंपनी को डेढ़ करोड़ का घाटा ही हुआ था। शाह ने अपने गृहप्रदेश गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के अनगिनत आरोप लगे हैं पर एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि उसने जय की तरह 100 करोड़ रुपए का आपराधिक मानहानि का मामला अदालत में दर्ज कराया हो। हालांकि जय पर भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि हमलोग भी ऐसा ही चाहते हैं। जिसके पास भी इस संबंध में तथ्य हों उन्हें अदालत के समक्ष रखना चाहिए।
शाह ने कहा कि जय की कंपनी ने न तो सरकार के साथ एक रुपए का भी लेनदेन किया, न सरकारी जमीन ली और ना ही सरकार के साथ कोई अनुबंध किया। इसमें बोफोर्स सौदे जैसे कमीशन लेने वाली कोई बात भी नहीं है। जहां तक कारोबार की बात है तो अगर कोई व्यक्ति एक कंपनी खोल कर एक साल में एक करोड़ का कारोबार करता है तो यह तो नहीं कहा जा सकता कि उसका कारोबार एक करोड़ गुना बढ़ गया। जो लोग जय की कंपनी का कारोबार बढ़कर 80 करोड़ होने की बात कर रहे हैं वह यह भी क्यों हीं बताते कि इसके बावजूद इसे डेढ़ करोड का घाटा हुआ। दूसरी बात यह कंपनी कमोडिटी यानी वस्तु निर्यात के कारोबार में थी जिसमें बड़े कारोबार में भी बहुत कम लाभ की ही गुंजाइश होती है। कंपनी ने चावल, मक्का आदि का निर्यात किया था तथा धनिया का आयात किया था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जय की कंपनी ने सारा कारोबार बैंक के माध्यम से किया था और उसे दी गई लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत राशि का पूरे ब्याज के साथ भुगतान भी कर दिया गया था।
ज्ञातव्य है कि जय की कंपनी के कारोबार में 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद कुछ ही समय में 50 हजार से बढ़कर कारोबार के 80 करोड़ होने की खबर एक वेब पोर्टल पर प्रकाशित हुई थी। जय ने इसके लेखक और पोर्टल के संपादकों समेत सात लागों के खिलाफ यहां अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।