राजधानी के गांधी नगर के कैलाश कॉलोनी में आज सुबह एक मंदिर की छत से अधजला शव बरामद किया गया। पुलिस ने महज चार घंटे में ही मामले को सुलझाते हुए हत्यारे पुजारी को गिरफ्तार कर लिया। शाहदरा की पुलिस उपायुक्त नुपुर प्रसाद ने बताया कि मृतक की पहचान 30 वर्षीय चंद्रशेखर के रूप में की गयी है। चंद्रशेखर की हत्या मंदिर के पुजारी लखन दुबे और उसकी पत्नी ने मिलकर की थी। पुलिस की सख्ती से की गयी पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की बात कबूल की। पुलिस आयुक्त के अनुसार सुबह साढ़े पांज बजे के करीब मंदिर की छत पर आग की लपटें उठता देख पुलिस को शक हुआ और वह जैसे ही जांच के लिए वहां पहुंची तो छत के स्टोर रूम से एक अधजला शव बरामद किया गया।
मृतक की पहचान चंद्रशेखर के रूप में की गयी। पुलिस ने जब पुजारी से इस बाबत पूछताछ की तो पहले वह और उसकी पत्नी टाल मटोल करते रहे लेकिन बात में हत्या की बात कबूल कर ली। पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला कि मृतक व्यक्ति पुजारी के गांव का रहने वाला था। पुजारी की पत्नी उत्तर प्रदेश के गोवर्धन शहर में रहती थी। करीब ढाई महीने पहले पुजारी उसे लेकर गांधी नगर रहने आ गया था। उसे अपनी पत्नी और चंद्रशेखर के बीच संबंधों का पता चला गया था ऐसे में उसने चंद्रशेखर को रास्ते से हटाने की योजना बनायी। पुजारी ने अपनी पत्नी से किसी बहाने चंद्रशेखर को गांंधी नगर बुलवाया और फिर दोनों ने मिलकर नायलॉन की एक रस्सी से पहले उसका गला घोंट दिया और फिर उसकी लाश को मंदिर की छत के स्टोर रूप में छिपा दिया।
दो तीन दिन बाद लाश से बदबू आने पर दोनों ने आज सुबह उसे आग के हवाले कर दिया लेकिन इसी बीच आग की ऊंची लपटें और धुआं देख पास गश्त लगा रहे पुलिस कर्मी फैारन मंदिर में पहुंच गए और सारा राज खुल गया। पुलिस आयुक्त के अनुसार मृतक के शरीर पर चोट के साथ ही सिर पर किसी धारदार हथियार से वार किये जाने के निशान भी पाए गए हैं। पुलिस इस मामले में और जांच कर रही है।