राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पहली विदेश यात्रा पर तीन से छह अक्टूबर के बीच जिबूती और इथिओपिया जाएंगे। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (अफ्रीका) डॉ. नीना मल्होत्रा और राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
कोविंद जिबूती की यात्रा करने वाले पहले शीर्ष भारतीय नेता हैं, जबकि पिछले 45 वर्ष में इथिओपिया जाने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं। इससे पहले 1972 में वीवी गिरि इथिओपिया की यात्रा पर गये थे। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद कोविंद की यह पहली विदेश यात्रा होगी। मलिक के अनुसार, कोविंद जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल उमर गुले के निमंत्रण पर तीन एवं चार अक्टूबर को जिबूती की यात्रा पर रहेंगे। उनसे पहले कोई भी भारतीय शीर्ष नेता जिबूती की यात्रा पर नहीं गया है।
साल 2015 में विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह युद्धग्रस्त यमन से करीब 7000 लोगों को निकालने के अभियान ‘ऑपरेशन राहतÓ के लिए वहां गये थे। श्री कोविंद की राष्ट्रपति गुले के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। भारत एवं जिबूती के समकालीन द्विपक्षीय संबंध परस्पर आदर तथा द्विपक्षीय क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय मुद्दों की समझ पर आधारित है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2016-17 में 28.454 करोड़ डॉलर रहा, जबकि भारत ने जिबूती सरकार को सीमेंट संयंत्र के निर्माण के लिए 4.913 करोड़ डॉलर का ऋण दिया है।
कोविंद चार से छह अक्टूबर के बीच इथिओपिया की यात्रा पर रहेंगे। वह राजधानी आदिस अबाबा में मुलातू देशोमे के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। कोविंद दोनों यात्राओं के दौरान प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे। वह आदिस अबाबा विश्वविद्यालय में व्याख्यान देंगे और एक बिजनेस कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे। भारत, इथिओपिया में तीसरा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। इथिओपिया अफ्रीका महाद्वीप में भारत से सर्वाधिक आसान ऋण पाने वाला देश है।