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नहीं सुधरा पाकिस्तान तो फिर करेंगे सर्जिकल स्ट्राइक

उत्तरी कमान के सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू ने आज कहा कि नियंत्रण रेखा के पार से 475 आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अंबू ने यहां उत्तरी कमान के एक समारोह के बाद संवाददाताओं से कहा,”सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नियंत्रण रेखा के पास आंतकवादी प्रशिक्षण शिविरों और आतंकवादियों के अड्डों की संख्या में वृद्धि हुई है।” उन्होंने कहा,” नियंत्रण रेखा के पार से 475 आतंकवादी किसी समय भारतीय सीमा में घुसने के लिए तैयारी कर रहे हैं।” सैन्य कमांडर ने कहा,” उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से कम से कम 250 आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने की ताक में हैं जबकि जम्मू क्षेत्र में पीर पंचाल के विपरीत दिशा से 225 आतंकवादी भी सीमा पार से भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में हैं। पीर पंचाल इलाका राजौरी और पुंछ जिलों से लगता है।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल आंतकवादियों पर हावी रहेंगे। एक साल में सुरक्षाबलों ने कई आतंकवादी संगठनों के शीर्ष कमांडर समेत 144 आतंकवादियों को मार गिराया है।” सैन्य कमांडर ने कहा,” सीमा पार आंतकी ठिकाने अभी बरकरार हैं। नियंत्रण रेखा के पास सीमा पार आतंकी शिविरों और आतंकवादी ठिकानों में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन हमने उनके ठिकानों पर नजर रखी हुई है। हाल ही में पिछले दिनों सभी घुसपैठ की वारदातों को हमारी सेना ने सफलतापूर्वक नाकाम किया है। अन्बू ने यह बात कही कि पाकिस्तान अगर अपनी गलती को दोहराने से बाज नहीं आया तो भारत के पास दोबारा से सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई को अंजाम देने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाएगा।

कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के वित्तपोषण मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छापेमारी की सराहना करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अंबू ने कहा,” इन छापों से पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराने पर लगाम लगेगी और घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आएगी।” उन्होंने कहा, “एनआईए के छापों से कश्मीर घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आई है और घाटी में युवाओं को व्यस्त रखने और सकारात्मक कार्यों में लगाये रखने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।” लेफ्टिनेंट जनरल अंबू ने कहा,” पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत का कोई बड़ा मामला नहीं है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में मदभेद के चलते दोनों देश ‘आमने-सामनेÓ आ गये थे लेकिन इस बारे में उचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है।”

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