Economy Opinion

बिना नाम लिए यशवंत सिन्हा को अरुण जेटली का जवाब-नोटबंदी भविष्य के लिए बेस्ट

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के हर कटाक्ष का बाखूबी से जवाब दे दिया है और सबसे बड़ी बात जवाब के दौरान उन्होंने यशवंत का नाम तक नहीं लिया। यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी मोदी सरकार का साहसिक कदम बताया है और इसी कदम से ये सुनिश्चित किया गया कि बाजार में जो बेनाम टेंडर थें उनके मालिक कौन कौन हैं।

जेटली ने कहा कि उन्होंने कहा कि मुझे कहा गया कि आपने यह इतनी जल्दी क्यों की, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि जिन लोगों ने देश को पॉलिसी पैरालिसिस में भेजा उन्होंने ने इसे रोकने की बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के राज में लोगों का व्यापार करना आसान हुआ है। नोटबंदी और जीएसटी भविष्य के लिए बढिय़ा कदम साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि आर्थिक समझदारी हमारी प्राथमिकता है। जेटली ने कहा है कि नोटबंदी और जीएसटी के दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने ये भी कहा कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। आज 4 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत आने वाली मुश्किलों के फीडबैक को जानने के लिए व्यपारियों एवं निर्यातकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, “मंत्री ने व्यापारियों और निर्यातकों के संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसका उद्देश्य जीएसटी लागू करने के बाद उत्पन्न परेशानियों के बारे में फीडबैक लेना था।”

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के अध्यक्ष अजय भूषण पांडेय और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। ये लोग नए अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत आईटी ढांचे की देखभाल करते हैं। मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, “जेटली ने जीएसटी सुविधा प्रदाताओं समेत जीएसटी लागू करने में मददगार साझेदारों से मुलाकात की।”ट्वीट के अनुसार, “उन्होंने जीएसटी कार्यान्वयन प्रणाली में सुधार लाने के लिए लोगों से सुझाव भी आमंत्रित किए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों समेत अन्य साझेदारों को जीएसटी का अनुपालन करने में कोई परेशानी न उठाना पड़े।”

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