Trauma Care Division, Directorate General of Health Services, Ministry of Health and Family Welfare observed the World Trauma Day today to emphasize the need and importance of observing road traffic rules and saving precious lives lost due to accidents in India. As a part of special awareness drive, all the participants were administered oath of safe driving and promoting safe road culture. The participants were shown video on road safety and Good Samaritan. The event was concluded with distribution of informative brochures to all the participants.
Subject experts from Ministry of Road Transport and Highways, and Ministry of Health interacted with the participants and sensitised them with the do’s and don’ts of road safety and Good Samaritan guidelines. Speaking on the occasion, Dr Jagdish Prasad, DGHS stated that it is unfortunate that more people die in road traffic accidents than due to Malaria, T.B and HIV together, but we choose to ignore this silent epidemic. He further exhorted that road traffic accidents are totally avoidable. He also made an appeal to all the participants to follow the traffic rules, avoid using mobile phones while driving and promote healthy road behaviours.
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डीजीएचएस के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं चालकों ने सुरक्षित ड्राईविंग का संकल्प लिया |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अभिघात देखभाल प्रभाग ने सड़क ट्रैफिक नियमों का अनुपालन करने एवं भारत में दुर्घटनाओं के कारण लोगों की बेशकीमती जानों की सुरक्षा की जरूरत एवं महत्व पर बल देने के लिए आज विश्व अभिघात दिवस मनाया। विशेष जागरूकता मुहिम के एक हिस्से के रूप में सभी प्रतिभागियों ने सुरक्षित ड्राईविंग एवं सुरक्षित सड़क संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संकल्प लिया। प्रतिभागियों को सड़क सुरक्षा एवं जिम्मेदार व दयालु नागरिक पर वीडियो दिखाया गया। इस समारोह का समापन सभी प्रतिभागियों को सूचनापरक पुस्तिकाओं के वितरण के साथ सम्पन्न हुआ।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित इस विषय के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के साथ परस्पर बातचीत की तथा उन्हें सड़क सुरक्षा से संबंधित क्या करें और क्या न करें, के बारे में और जिम्मेदार व दयालु नागरिक (गुड समरिटन) दिशा निर्देशों को लेकर संवेदनशील बनाया। इस अवसर पर बोलते हुए, डीजीएचएस डॉक्टर जगदीश प्रसाद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मलेरिया, तपेदिक एवं एचआईवी तीनों को मिलाकर होने वाली मौतों की तुलना में सड़क ट्रैफिक दुर्घटनाओं में अधिक लोगों की मृत्यु होती है, लेकिन हम इस खामोश महामारी को नजरअंदाज करना पसंद करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क ट्रैफिक दुर्घटनाएं पूरी तरह रोकी जा सकती हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से ट्रैफिक नियमों का अनुपालन करने, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बचने तथा स्वस्थ सड़क बर्ताव को बढ़ावा देने की भी अपील की। Credit, PIB. |