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Text of PM’s address at the inauguration of Uttar Pradesh Investors’ Summit – 2018 in Lucknow

उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल श्रीमान रामनायक जी, मुख्‍यमंत्री श्रीमान योगी जी, मेरे सहयोगी, हमारे senior मंत्री और इसी लखनऊ नगरी के प्रतिनिधि, देश के गृहमंत्री श्रीमान रामनाथ सिंह जी, हमारे बीच में एक वरिष्‍ठ राजनेता, मॉरिशिस के पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमान अनिरूद्ध जगन्‍नाथ जी, विदेशों से आए हुए विशिष्‍ट मंत्रीगण, देश भर से विशाल संख्‍या में आए सभी निवेशक, उद्यमीगण और यहां उपस्थित सभी महानुभव।

जब परिवर्तन होता है तो सामने दिखने लगता है। उत्‍तर प्रदेश में इतने व्‍यापक स्‍तर पर Investors’ Summit होना, Investors’ Summit में इतने निवेशकों और उद्मियों का एकजुट होना, अपने आप में एक बहुत बड़ा परिवर्तन है। मैं यूपी के मुख्‍यमंत्री श्रीमान योगी जी को, मंत्रिमंडल के उनके सभी साथियों को, यहां की bureaucracy को, यहां के पुलिस विभाग को और उत्‍तर प्रदेश की जनता जर्नादन को बधाई देता हूं कि वो अपने उत्‍तर प्रदेश को इतने कम समय में समृद्धि और विकास के रास्‍ते पर ले जाने में सफल हुए हैं।

पहले की स्थितियां क्‍या थी, किन वजहों से थीं ये यूपी के लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता है। भय और असुरक्षा के माहौल में जब सामान्‍य मानवी, उसका जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। तो फिर उद्योगों के लिए तो सोच ही कैसे सकते हैं। विकास की बात करना, नौजवानों को नए अवसर की बात करना, middle class के aspirations की बात करना। मैं नहीं मानता हूं कि ऐसे माहौल में कभी संभव था। Negativity भरे उस माहौल से राज्‍य को Positivity की तरफ लाना- हताशा, निराशा उससे अलग करके उम्‍मीद की किरण जगाने का काम योगी सरकार ने किया है वे बधाई के पात्र हैं।

उत्‍तर प्रदेश में अब वो बुनियाद तैयार हो चुकी है। जिस पर न्‍यू उत्‍तर प्रदेश की भव्‍य और दिव्‍य इमारत का निर्माण होगा और इसलिए इस पवित्र कार्य में, इस पवित्र यज्ञ में शामिल होने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए मैं आप सभी को एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों, हमारे देश में पुरानी कहावत है। कि कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी। उत्‍तर प्रदेश में संसाधन और सामर्थ्‍य का इतना विस्‍तार है। कि यहां पर सैंकड़ों वर्षों से लगभग हर क्षेत्र की एक अपनी अलग पहचान रही है।

लखनऊ के चिकन का काम मशहूर है, तो मलिहाबाद के आम पूरी दुनिया में export होते हैं। बदोही की कालीन है, तो बनारस की जरी-जरदोजी की कला और साडि़यां की धूम है। मुरादाबाद में बने पीतल की बर्तन देश-विदेश जाते हैं, तो फिरोजाबाद का कांच चमक दिखा कर ही रहता है। कि हमारे आगरे का पेठा है, तो कन्‍नौज का इत्र भी है। यहां सुबह बनारस है तो अवध की शाम भी है। यहां ताजमहल, सारनाथ है तो अयोध्‍या, मथुरा, काशी भी है। यहां राम की लीला है तो कृष्‍ण की रास भी है। यहां गंगा है, यमुना है तो सरयू जी का आर्शीवाद भी है।

यहां IIT कानपुर है, IIM लखनऊ है तो बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी जैसे महान संस्‍थान भी यहां पर हैं। ये उत्‍तर प्रदेश का गौरवशाली इतिहास ही नहीं, यहां का वर्तमान भी है। ये झलक उत्‍तर प्रदेश के Textile Sector की है,Tourism Sector की है। ये झलक यहां के Culture की है, Agriculture की है। ये झलक यहां की शिक्षा की है, ये झलक यूपी की शक्ति की है, यूपी की भक्ति की है। यही वो सामर्थ्‍य है, वो ताकत है। जिसके दम पर उत्‍तर प्रदेश पूर्वी भारत का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का ग्रोथ इंजन बन सकता है।

भाईयो और बहनों उत्‍तर प्रदेश आज अनाज के उत्‍पादन में, गेंहू के उत्‍पादन में, गन्‍ने के उत्‍पादन में, दूध के उत्‍पादन में, आलू के उत्‍पादन में पूरे देश का नंबर वन स्‍टेट है। देश में दूसरे नंबर पर सब्जियां और तीसरे नंबर फलों का उत्‍पादन भी इसी  उत्‍तर प्रदेश में होता है। लघू उद्योगों के मामले में भी उत्‍तर प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है।

बीते कई वर्षों में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने राज्‍य को इस तरह संभालने वाले यूपी के कोटि-कोटि भाइयो-बहनों को मैं जितनी प्रशंसा करूं उतनी कम है। लेकिन नंबर वन और नंबर टू के इस competition के बीच कुछ महत्‍वपूर्ण विषयों पर भी मंथन किया जाना आवश्‍यक है।

सवाल ये है कि अब आगे क्‍या होगा। क्‍या उत्‍तर प्रदेश की क्षमता सिर्फ इतनी ही है। क्‍या उत्‍तर प्रदेश अपने सामर्थ्‍य से पूरा न्‍याय कर पा रहा है।

साथियों, उत्‍तर प्रदेश में values है, virtues है, लेकिन अब बदले हुए समय में value edition की भी ज्‍यादा आवश्‍यकता है। सिर्फ work culture में ही नहीं, सिर्फ business culture में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में यूपी की जो co-strength है, उसमें value edition की आज बहुत जरूरत है। मुझे बहुत खुशी है कि योगी जी की सरकार इस बात का ध्‍यान में रखते हुए अपने निर्णय ले रही है। नीतिया बना रही है।

यूपी में औद्योगिक निवेश को रोजगार सजृन से जोड़ते हुए यहां पर नीतियां बनाई जाती हैं। नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। योगी जी की सरकार द्वारा अलग-अलग सेक्‍टरों के हिसाब से,  अलग-अलग Policies बनाकर काम किया जा रहा है।

Textile, Electronics manufacturing, Information Technology, Tourism, Renewable Power, Self Employment जैसे अनेक क्षेत्रों के लिए, अनेक दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाली नीतिया बनाई गई हैं। अब यूपी में उद्मियों के लिए red tape नहीं red carpet होगा।

आज Industry के लिए जिस Digital Clearance System  को  launch किया गया है। वो भी इसी का उदाहरण है। ये एक Single Window Portal होगा जिसके माध्‍यम से उद्मियों को एक तय सीमा में online permission मिल जाया करेगा। इसमें human interface भी कम-से-कम होगा। निश्चित तौर पर ये यूपी में Ease of doing Business की दृष्टि से एक अहम कदम है। योगी सरकार पूरी गंभीरता के साथ किसानों से किए गए, महिलाओं और नौजवानों से किए गए वायदे पूरे कर रही है।

मुझे बताया गया है कि इस वर्ष धान खरीद चार गुणा बढ़ी है। और गन्‍ने का भुगतान भी पिछले साल के मुकाबले करीब-करीब 40 प्रतिशत बढ़ा है। यूपी सरकार अब Power of all मुहिम से जुड़ गई है। और इसका स्‍थानिय उद्योगों को भी बहुत ही फायदा होने वाला है।

साथियों उत्‍तर प्रदेश को मां गंगा के मैदानी इलाकों का बहुत आर्शीवाद मिला हुआ है। यहां की 60 प्रतिशत जनसंख्‍या Working Age Group में है। इस Economic और Demographic dividend की अगर सख्‍ती का सही इस्‍तेमाल, मुझे विश्‍वास है कि यूपी को कई नई ऊचाईयों को पार करने की एक नई ऊर्जा देगा, ताकत देगा और पहुंचा करके रहेगा।

मैंने पहले भी कहा है कि यूपी का Potential बहुत है। Potential Plus Policy Plus Planning Plus Performance से ही Progress आती है। अब यूपी में superhit performance देने के लिए, मुझे विश्‍वास है कि योगी जी की टीम तैयार है, यहां के नागरिक तैयार हैं। यहां का मानस बना हुआ है। आज के इस दौर में Industry 4.0 technologies पूरी value chain को ज्‍यादा Flexible, ज्‍यादा Efficient, Higher Quality और Product को मार्किट तक तुरंत पहुंचाने वाला बना रही है।

अभी मैंने Exhibition में ऐसी तकनीकों को देखा है। Information Technology, Consumer Electronics, Electronics Manufacturing का यहां  बहुत Scope है। पूरे देश में जिस राज्‍य में smart cities और AMRUT cities  की सबसे ज्‍यादा संख्‍या है वो प्रदेश का नाम है उत्‍तर प्रदेश।

भाईयों और बहनों मैं अभी दो दिन पहले महाराष्‍ट्र में मुंबई में ऐसी एक Investors’ Summit में गया था। और महाराष्‍ट्र की सरकार ने अपनी राज्‍य व्‍यवस्‍था को Trillion Dollar Economy में बदलने का लक्ष्‍य रखा है। मैं आज आपके बीच एक और विचार रख रहा हूं। क्‍या महाराष्‍ट्र और उत्‍तर प्रदेश में इस बात की competition शुरू हो सकती है क्‍या? दोनों में से कौन सा राज्‍य पहले Trillion Dollar Economy के लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर सकता है। क्‍या उत्‍तर प्रदेश की सरकार देश के और दूसरे राज्‍यों के साथ अलग-अलग स्‍तर पर स्‍पर्धा करे, competition करे। और ये competition जितना ज्‍यादा होगा उतना ही राज्‍य में निवेश भी बढ़ेगा। राज्‍य का विकास होगा, राज्‍य में रोजगार के नए अवसर बनेगे। राज्‍य में इस तरह की healthy race, competitive cooperative federalism  की भावना को भी और मजबूत करेगी।

साथियों, यूपी की अर्थव्‍यवस्‍था में  सूक्षम एवं लघु और मध्‍यम उद्योगों में जिन्‍हें हम MSME के रूप में जानते हैं। इसका बहुत बड़ा योगदान है, बहुत बड़ा नेटवर्क है। Agriculture के बाद MSME Sector में ही रोजगार के सबसे ज्‍यादा अवसर बनते हैं।

अभी मुझे बताया गया कि यूपी में करीब-करीब 50 लाख MSME Unit है। इनमें काम करने वाले लाखों लोगों का ही परिश्रम, जो यूपी के हस्‍तशिल्‍प, Process Food Products, Carpet, Readymade Garments, Leather Products के निर्यात में निरंतर अग्रणी रहा है। देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में ऐसे Special Products हैं जो MSME Sector की वजह से अपनी राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय पहचान बनाए हुए हैं। रोजगार बनाने के नए अवसरों के लिए जो इस क्षेत्र में पहले से काम कर रहे हैं उनकी आय बढ़ाने के लिए हमें नए सिरे से सोचने की आवश्‍यकता है।

मुझे ये जानकर खुशी है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार ने इस महत्‍वपूर्ण तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए one district, one product योजना शुरू की है। मैं समझता हूं कि अपने-आप में ये Game Changer है। हम cluster approach से परिचित थे लेकिन one district, one product एक पूरी Holistic Eco system पैदा करता है। इस योजना के माध्‍यम से स्‍थानीय स्‍तर पर Skill Development, Product Marketing, Packaging, Branding उसके कार्य भी बहुत ही आसानी से किए जा सकते हैं।

भाईयो और बहनों यूपी में चुनाव प्रचार के समय मैं हमेशा कहता था कि जब राज्‍य को Double Engine की Power मिलेगी तो विकास और तेज गति से होगा। one district, one product योजना को Backup Power मिलेगी। केंद्र सरकार के Skill India Mission से Stand-up India, Start-up India Mission से प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्‍साहन योजना से इसके अलावा सबसे बड़ा लाभ मिलेगा- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्‍यम से।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार अब तक दस करोड़ से ज्‍यादा मुद्रा लोन दे चुकी है। लोगों को बिना बैंक गारंटी के स्‍व-रोजगार के लिए चार लाख करोड़ रूपए से ज्‍यादा की लोन दी जा चुकी है।

इस बजट में हमारी सरकार ने और तीन लाख करोड़ रूपए मुद्रा लोन के तौर पर देने का फैसला किया है। मुझे उम्‍मीद है कि one district, one product हर मुद्रा का तालमेल यूपी में MSME Sector को उसके कायाकल्‍प करने के लिए एक बहुत ही आसान रास्‍ता मैं समझता हूं।

साथियों, हमें Expertise और Efficiency की  Interlinking के बारे में भी सोचना पड़ेगा अगर मेरठ में कोई World Class Pot Product बना रहा है। तो उसके साथ ही हमें World Class Branding or Marketing करने वाली फर्म को भी आगे बढ़ाना होगा। World Class Distribution System होगा, World Class Service होगी तो World Class Talent भी हमारे Product के साथ-साथ जुड़ने के लिए स्‍वत: आएगा।

साथियों, खेती से जुड़ी एक बड़ी चुनौती है। खेत से लेकर बाजार तक पहुंचने में बड़ी मात्रा में फसल और फल, सब्जियां खराब हो जाती हैं। एक अनुमान है कि देश में हर साल किसान भाईयों को 90 हजार से एक लाख करोड़ रूपये का नुकसान इस वजह से होता है।

अब जैसे मैं आलू की बात करूं। यूपी आलू उत्‍पादन में नंबर वन है। पहले तो आलू के चिप्‍स घर-घर में बनते थे लेकिन अब समय के साथ ये बहुत कम हो गया है। आप सोचिए अगर आलू से चिप्‍स बनाने के उद्योग अगर स्‍थानीय स्‍तर पर उपलब्‍ध हो, उन तक किसानों की पहुंच आसान हो, तो कई हजार करोड़ का मार्किट किसानों को ज्‍यादा आसानी से मिल जाएगा। यहां का दशहरी आम तो प्रसिद्ध है। लेकिन ये भी सच है कि Marketing or Storage की कमी के कारण काफी मात्रा में आम बरबाद हो जाता है। आम उत्‍पादक की पहुंच राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय बाजार तक ले जाने के लिए Marketing Infrastructure or Storage का एक greed बनाए जाने पर सोचने की बड़ी आवश्‍यकता है। आम के पल्‍प से कई प्रकार के पोष्टिक Product बनते ही है। बस हमें किसान और industry के बीच का connection मजबूत करना है। अब जैसे दूध उत्‍पादन में उत्‍तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। लेकिन अब इसमें कैसे ज्‍यादा से ज्‍यादा Value Edition किया जा सकता है।   Farm to fork तक कैसे पूरी chain, पूरे infrastructure को आधुनिक बनाया जा सकता है। इस बारे में भी हमें आगे कोई न कोई कदम उठाने होंगे।

किसान के Product और Industry की demand के बीच connection मजबूत करने, फसल, अनाज, फल, सब्जियां- उसकी बरबादी कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना उसका आरंभ किया गया है। इस योजना के तहत पूरी सप्‍लाई और infrastructure  का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। किसान की आय बढ़ाने और उसका नुकसान कम करने की दिशा में ये योजना बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। इसी नुकसान को कम करने के लिए देश के Food Processing Sector को मजबूत करने के लिए सरकार ने Food Processing में 100 percent FDI को भी मंजूरी दी है।

साथियों, उत्‍तर प्रदेश में Agriculture byproducts, Agriculture waste इससे भी wealth की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। खासकर गन्‍ने के उत्‍पादन में, यूपी के सबसे आगे रहने की वजह से यहां Ethanol Production का एक बहुत ही potential है। यूपी में biofuel के क्षेत्र में जितना विकास होगा उसका प्रभाव दिल्‍ली NCR तक में दिखाई देगा।

पर्यावरण के साथ-साथ ये clean energy की तरफ भी बड़ा कदम होगा और मुझे खुशी है कि राज्‍य में एक नई biofuel policy तैयार की गई है। इस policy  से crop burning जैसी समस्‍याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी। ये सारे ही प्रयास 2022 तक किसानों की आय दौगुनी करने के हमारे लक्ष्‍य की प्राप्ति करने में बहुत मदद करेगा।

साथियों, आज इस अवसर पर मैं एक महत्‍वपूर्ण घोषणा भी करना चाहता हूं। और वाकई ही यह घोषणा न सिर्फ उत्‍तर प्रदेश के लिए लेकिन पूरे हिंदुस्‍तान के लिए एक महत्‍वपूर्ण घोषणा है। इस वर्ष बजट में प्रस्‍ताव रखा गया था। कि देश में दो defense industrial corridors का निर्माण किया जाएगा। इनमें एक उत्‍तर प्रदेश में प्रस्‍तावित है। बुंदेल खंड के विकास को विशेष तौर पर ध्‍यान में रखते हुए अब ये तय किया गया है। कि यूपी में Defense Industrial Corridor का विस्‍तार आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर झांसी और चित्रकूट तक पूरा बेल्‍ट होगा। इस कॉरीडोर में 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश की संभावना है और ये करीब-करीब ढाई लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर निर्माण करेगा।

योगी जी की सरकार में बनने जा रहे हैं पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे और बुंदेल खंड एक्‍सप्रेस वे से विशेषकर पूर्वांचल और बुंदेल खंड का औद्योगिकीकरण मैं समझता हूं उसके कारण बहुत तेज गति से होगा।

भाईयो और बहनों यूपी में पहले यहां लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर सिर्फ तीन ही एयरपोर्ट थे अब कुशीनगर और जेवर में दो नए International Airport बनाने का काम भी शुरू किया जा रहा है।

इसके अलावा उड़ान योजना के तहत आगरा, कानपुर, इलाहाबाद, बरेली, झांसी, चित्रकूट, मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़ जैसे 11 शहरों में हवाई अड्डों का विकास किया जा रहा है। जल्‍द ही इन शहरों में भी हवाई उड़ान की सुविधा उपलब्‍ध होगी। और जब मैं कहता हूं कि मेरा सपना है कि हवाई चप्‍पल पहनने वाला हवाई जहाज में सफर करने वाला बनना चाहिए।

आप सोचिए जब यूपी में इतने Airport Functional नहीं हैं। सिर्फ तय है तब भी यहां पेसेंजर air traffic में पिछले साल तीस प्रतिशत का ग्रोथ है। ये राष्‍ट्रीय औसत से भी कहीं ज्‍यादा है और जब नए एयरपोर्ट काम करने लगेंगे तो कितना बड़ा बदलाव आएगा इसकी आप कल्‍पना कर सकते हैं।

उत्‍तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। करीब-करीब 9 हजार किलोमीटर की लंबाई का रेल नेटवर्क नेशनल हाईवे के नेटवर्क में भी यूपी का बहुत महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। जब Eastern और Western dedicated freight corridor का काम पूरा हो जाएगा तो यूपी की अर्थव्‍यवस्‍था को एक नई ताकत मिलेगी एक नया बल मिलेगा। महत्‍वपूर्ण है कि ये दोनों corridor यूपी के ही दादरी में मिलते हैं। इस corridor के साथ दिल्‍ली-मुंबई Industrial Corridor or Amritsar Delhi Kolkata Industrial Corridor की त्रिशक्ति यूपी के विकास में एक जबरदस्‍त बड़ा जंप लाएगी, उछाल लाएगी।

वाराणसी से हल्दिया के बीच बन रहे National waterways से भी यूपी के औद्योगिक विकास में मदद मिलेगी। इसके अलावा लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा में मेट्रो का विस्‍तार, मेरठ, कानपुर वाराणसी में नई मेट्रो, यूपी में World class transport Infrastructure  बनाने में मदद करेगी।

साथ ही Bharat Net परियोजना के तहत उत्‍तर प्रदेश की पंचायतों में Optical Fiber Connectivity यहां के ग्रामीण इलाकों को पूरी दुनिया के साथ जोड़ देगी। आधुनिक, Highways, Railways, Subways या Metro Airways, Water ways, Information way ये मिलाकर के ऐसा Infrastructure तैयार करेंगे जो उत्‍तर प्रदेश को 21वीं सदी में नई बुलंदियों पर लेकर ही रहेगा। बेहतर connectivity, industries और manufacturing unit transport  के एक माध्‍यम से दूसरे से seamlessly switch करने में बहुत मदद करेगी। जब transport की दिक्‍कतें कम होंगी तो व्‍यापार भी उतनी ही आसानी से होगा, tourism भी बढ़ेगा और इन सभी का प्रभाव Job growth पर नजर आएगा।

साथियों tourism को कई बार Multiplier for growth के तौर पर भी देखा जाता है। उत्‍तर प्रदेश ऐतिहासिक, सांस्‍कृतिक विरासत चारों तरफ है। कला की अनेक विघाएं इस उत्‍तर प्रदेश में मौजूद हैं। आवश्‍यकता Tourist Centre Eco System को मजबूत किए जाने की है। Heritage Tourism, Handicraft Tourism, Eco Tourism, Wildlife Tourism, Village Tourism कितनी ही संभावनाएं यूपी में हैं जिन्‍हें और बेहतर तरीके से टैप किया जा सकता है।

देशी और विदेशी टूरिस्‍टों की संख्‍या में इस मामले में भी उत्‍तर प्रदेश देश के टॉप राज्‍यों में से एक है। उसे नंबर वन बनाया जा सकता है। इस summit में जो नई पर्यटन नीति घोषित की जा रही है। मुझे विश्‍वास है कि उससे ये लक्ष्‍य हासिल हो सकता है। यूपी में अब tourism sector के भी Industry का दर्जा दिया गया है।

भाईयो और बहनों अगले वर्ष की शुरूआत में यानि 2019 जनवरी, अगले वर्ष की शुरूआत में प्रयाग में महाकुंभ का भी आयोजन किया जाएगा। पूरे विश्‍व में ये अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा। पिछले वर्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र के द्वारा UNO की तरफ से कुंभ को मानवता की अमूल्‍य की धरोहर के रूप में मान्‍यता मिली है। ये हम सभी के लिए और विशेषकर उत्‍तर प्रदेश सरकार के लिए एक बहुत ही बड़ा अवसर है। कुंभ के दौरान कल्‍पवासियों से लेकर के देश-विदेश से आने वाले लाखों करोड़ों लोगों के लिए 2019 का ये हमारा कुंभ अविश्‍वसनीय बने, उनके जीवन की सबसे बड़ी यादगार बने। यहां के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसरों का निर्माण करे, इस लक्ष्‍य के साथ अगर हम सब मिलकर के न सिर्फ भारत में दुनिया में, दुनिया का कोई देश ऐसा न हो इस बार कि जिसमें कोई न कोई व्‍यक्ति इस कुंभ के मेले में आया न हो। एक प्रकार को वैश्विक स्‍तर का कुंभ मेला और उत्‍तर प्रदेश का प्राणी, भारत की पहचान इससे संभव है।

साथियों, इस तरह की Investors’ Summit की शुरूआत बहुत पहले गुजरात में इसका प्रारंभ हुआ इसके बाद ये सिलसिला मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, झारखंड, असम जैसे राज्‍यों से होते हुए अब उत्‍तर प्रदेश भी आ पहुंचा है। हमारे लिए अब ये महत्‍वपूर्ण होगा कि investors’ Summit में हुए MoUs जल्‍दी से जल्‍दी  धरातल पर उतरे जिससे यहां के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले।

मैं योगी जी का विशेष रूप से उल्‍लेख करना चाहूंगा कि उन्‍होंने वायदा किया है। कि ये सारे MoUs का वो स्‍वंय Monitoring करेंगे। वे स्‍वयं उसका follow up करेंगे। और इसलिए यहां जो MoUs किया है। वो भी तैयार रहे कि अब उत्‍तर प्रदेश उनके पीछे लग जाएगी।

हमारी सरकार चाहे केंद्र में हो या राज्‍य में Job Centric के साथ ही people centric growth पर भी जोर देती रही है। एक ऐसी अर्थव्‍यवस्‍था जिसमें देश के गरीबों का Financial inclusion भी हो जो गरीबों को साथ लेकर के चले। इसलिए Ease of doing business के साथ-साथ हम Ease of Living को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। ये सरकार की नीतियां और योजनाओं का ही असर है कि जन-धन योजना के तहत अब 31 करोड़ गरीब के बैंक अकाउंट खुलवाए जा चुके हैं। 18 करोड़ से ज्‍यादा गरीबों को 90 पैसे प्रतिदिन और 1 रूपया महीने के प्रीमियम पर बीमा कवच दिया गया है।

पिछले तीन वर्ष में गरीबों और निम्‍न मध्‍यम वर्ग के नागरिकों के लिए सरकार द्वारा लगभग 1 करोड़ घर बनाए गए हैं। स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत छ: करोड़ से ज्‍यादा शौचालय बनवाए गए हैं। उज्‍ज्‍वला योजना के तहत सरकार 3 करोड़ 30 लाख से ज्‍यादा गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्‍शन दे चुकी है।

इस बजट में अब  उज्‍ज्‍वला योजना  को  लक्ष्‍य बनाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। देश के हर गरीब का घर रोशन हो सके इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री सौभाग्‍य योजना भी शुरू की है। इसके माध्‍यम से 4 करोड़ गरीबों को मुफ्त  बिजली कनेक्‍शन दिया जाएगा।

इस बजट में हमनें  आयुषमान भारत योजना  का ऐलान किया है। इस योजना के तहत देश 10 करोड़ गरीब परिवारों को health insurance दिया जाएगा। और जिसके तहत एक गरीब परिवार में बीमारी आए साल भर में वो गरीब परिवार को दवाई का अगर खर्चा पांच लाख तक होगा तो पांच लाख रूपया सरकार Insurance company के माध्‍यम से उस गरीब परिवार को दे देगी।

ऐसे अनेक कार्यों और योजनाओं से हमारी सरकार गरी‍बों के जीवन को आसान बनाने का काम कर रही है। हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि देश जो structural change किए जा रहे हैं Policy intervention किए जा रहे हैं। उसका लाभ देश के किसानों को, गरीबों को, दलितों को, पिछड़ों को और समाज के वंचित तत्‍वों तक पहुंचे।

साथियों, न्‍यू इंडिया के निर्माण के लिए, न्‍यू उत्‍तर प्रदेश के निर्माण के लिए नए जोश, नई उम्‍मीद के साथ ही, नए निवेश की भी आवश्‍यकता है। मुझे उम्‍मीद है कि Investors’ Summit उत्‍तर प्रदेश नए निवेश की संभावनाओं के, नए द्वार खोलने में सफल होगी। इस उम्‍मीद के साथ ही मैं अपनी बात समाप्‍त करता हूं। मैं फिर एक बार आप सभी का बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं। श्रीमान अनिरूद्ध जगन्‍नाथ जी का ह्दय से बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। और मुझे विश्‍वास है कि योगी जी के नेतृत्‍व में उत्‍तर प्रदेश में विकास की ऊंचाइयों पर तेज गति से आगे बढ़ने का जो प्रयास हो रहा है। उसको आप सबके आर्शीवाद मिलेंगे, आप सबका सहयोग मिलेगा। और भारत के निर्माण में उत्‍तर प्रदेश का निर्माण एक बहुत अहम भूमिका अदा करता है। उसको हम सब मिलकर के पूरा करेंगे। इसी एक आशा अपेक्षा के साथ आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद, नमस्‍ते।

-PMO.

अतुल कुमार तिवारी/ शाहबाज़ हसीबी / ममता

Brainstorming on WTO in the Post-Mc11 Phase: 19-20 February 2018

The two-day Sanskriti Mahotsav “Ras Banaras – Swachhagrah – Bapu ko Kaaryaanjali” begins in Varanasi