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इलाहाबाद में कछुआ शरणस्‍थली स्‍थापित की जाएगी

इलाहाबाद में कछुआ शरणस्‍थली स्‍थापित की जाएगी
गंगा नदी में समृद्ध जलीय जैव विविधता पर मानवजनित दबाव से रक्षा के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत इलाहाबाद में कछुआ शरणस्‍थली विकसित करने और संगम पर नदी जैवविविधता पार्क विकसित करने को मंजूरी दी गई है।

1.34 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इस परियोजना में गंगा-यमुना और सरस्‍वती के संगम पर नदी जैव विविधता पार्क विकसित किया जाएगा और कछुआ पालन केंद्र (त्रिवेणी पुष्‍प पर स्‍थायी नर्सरी तथा अस्‍थायी वार्षिक पालन) स्‍थापित किया जाएगा। गंगा नदी के महत्‍व और इसके संरक्षण की आवश्‍यकता के प्रति जागरुकता लाने की भी स्‍वीकृति दी गई है।

यह परियोजना एक आवश्‍यक मंच प्रदान करेगी ताकि आगंतुक अपनी पारिस्थितिकीय प्रणाली, अपनी भूमिका और जिम्‍मेदारियों को जान सकें और पर्यावरण के साथ सह-अस्तित्‍व की जटिलता को समझ सकें। इस परियोजना से लोग महत्‍वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ने वाले  मानवीय गतिविधियों के प्रभावों के प्रति जागरुक हो सकेंगे। परियोजना में गंगा नदी के बारे में ज्ञान में आ रही कमी को रोकने के कार्य को उत्‍साह से किया जाएगा। यह परियोजना 100 प्रतिशत केंद्र पोषित परियोजना है।

गंगा नदी में घडि़याल, डॉलफिन तथा कछुए सहित 2000 जलीय प्रजातियां हैं जो देश की आबादी की 40 प्रतिशत की जीवन रेखा की समृद्ध जैव विविधता को दिखाती हैं। इलाहाबाद में गंगा और यमुना में विलुप्‍त हो रही कछुओं की प्रजातियां (बतागुर कछुगा,  बतागुर धोनगोका, निल्‍सोनिया गैंगेटिका, चित्रा इंडिका, हरदेला टूरजी आदि) हैं। गंगा और यमुना में राष्‍ट्रीय जलीय प्रजाति – गांगेय डॉलफिन, घडि़याल हैं तथा असंख्‍य प्रवासी और आवासीय प‍क्षियों ने भी बसेरा बना रखा है।

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05-10-2017, Updates

About the author

Trilok Singh

Founder and CEO: Youth Darpan, Post A2Z (Social Media), Micro BlogIN (Microblogging Platform), IASmind.com (Education) and IJJMC (Journal).

Research Scholar at School of Journalism and Mass Communication, K.R. Mangalam University. Masters in Political Science, Kirori Mal College, University of Delhi. Masters in Journalism and Mass Communication (MJMC) from Galgotias University.

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