भारतीय वायुसेना ने पड़ोसी देशों के साथ सीमा पर बढ़ रहे तनाव के कारण, सीमा सुरक्षा के खतरे और विषय परिस्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी शुरु कर दी है। वायुसेना ने रात के समय उडऩे वाले लड़ाकू विमानों की क्षमता 30 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में वायुसेना दुश्मनों के लिए घातक साबित हो सके। वायुसेना कि रात में लड़ाकू विमान की क्षमता को बढ़ाने के पीछे की मुख्य वजह यह है कि वह अपनी पूरी ताकत और क्षमता को बढ़ सके ताकि हमले के वक्त स्कवॉडन 24 घंटे किसी भी स्थिति से लडऩे के लिए हमेशा तैयार रहे।
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रात में उड़ाने भरने वाले लड़ाकू विमान अब पहले से ज्यादा ताकतवर हैं, उनमे बेहतर इलेक्ट्रॉनिक्स सेंसर , राडार और आसमाना से जमीन में मार करने वाली मिसाइल हैं, साथ ही इन विमानों के रात में ऑपरेशन में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। मौजूदा माहौल को देखते हुए वायुसेना के अधिकारी के कहा कि युद्ध के समय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए मौजूदा स्थिति में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें अगले कुछ सालों मे 100 से अधिक लड़ाकू विमानों की खरीद भी शामिल है। पिछले वर्ष सितंबर माह में भारत ने 7.87 बिलियन यानि 59000 करोड़ रुरपए के फ्रांस की सरकार से करार किया था, जिसके तहत भारत 36 रफाल लड़ाकू विमान खरीदेगा, जिसमें से 18 रफाल विमान अंबाला में तैनात किए जाएंगे, जबकि 18 विमान जोकि नई तकनीक से लैस होंगे उन्हें हासिमारा स्टेशन पर तैनात किया जाएगा।