in

मिलिए भारत के अगली पीढ़ी के बिजनेस टायकून से

रोशनी नाडर

भारत की अरबपति बेटियों में रोशनी नाडर का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है। यह दुनिया में मशहूर भारतीय अरबपति शिव नाडर की सुपुत्री हैं। इस समय वह 5 अरब डॉलर की टेक कंपनी HCL ग्रुप की सीईओ हैं। रोशनी स्काई न्यूज यूके न्यूज़ प्रोडूसर का काम करती थी जिसे छोड़ कर 2008 में भारत आयी और अपने पिता के व्यवसाय को संभालने लगी। इसके अलावा वह अपने पिता की शिव नाडर फाउंडेशन के एजुकेशन इनिशटिव की भी देख रेख करती हैं।

अदार साइरस पूनावाला

अदार साइरस पूनावाला

अदार अपने पिता की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीईओ हैं। इनकी उम्र 35 वर्ष है साथ ही ये भारत के सातवें सबसे अमीर आदमी हैं। अदार पूनावाला ने वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय यूके से बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रैजूएशन किया है। जिसके बाद उन्होंने अपने पिता साइरस पूनावाला की बनायीं हुई सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया लिमिटेड का संचार संभाला। इस समय इस कंपनी का कारोबार 140 देशों में फैला हुआ है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है।

केविन भारती मित्तल

केविन भारती मित्तल

केविन भारतीय मित्तल 28 साल के सुनील भारतीय मित्तल के बेटे हैं। केविन को बिजनस का गुण उनके पिता से विरासत में मिला है। उन्होंने 20 साल की उम्र में ही ऐपशार्क कंपनी की स्थापना कर दी। यह कंपनी मोबाइल फोन के लिए ऐप्लिकेशन डिजाइन करती है। 2012 में केविन ने इंस्टैंट मेसेंजिंग ऐप ‘हाइक’ की स्थापना की। जिसे अब तक इस्तेमाल करने वाले 20 मिलियन उपभोक्ता हैं।

आनंद पिरामल

आनंद पिरामल

अजय पिरामल के बेटे आनंद पिरामल ने 31 वर्ष की उम्र में अपने पिता का व्यापार देखना शुरू कर दिया था। हेल्थ केयर, ग्‍लास मेकिंग, और फण्ड मैनेजमेंट का 4 अरब डॉलर का व्यापार छोड़ कर आनंद पिरामल ने पिरामल रियल्टी की स्थापना की, जिसे उन्होंने सिर्फ मुंबई और उसके बाहरी इलाके तक ही सीमित रखा।

अनन्यश्री बिड़ला

अनन्यश्री बिड़ला

अनन्याश्री मशहूर बिजनेसमैन कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी हैं। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ीं अनन्या अपने पिता की कम्पनी में माइक्रोलोन डिविजन संभालती हैं। ख़ास बात तो यह है कि इस लोन डिविजन की शुरुआत खुद अनन्याश्री ने की है। अपने प्रोजेक्ट के जरिए वे वुमन एम्पावरमेंट करना चाहतीं हैं।

कॉर्पोरेट घरानों में यह दस्तूर है कि बच्चे किसी और ग्लोबल कॉर्पोरेशन्स में अनुभव हासिल करने के बाद अपने खानदानी बिजनस को चलाते हैं। लेकिन उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी अनन्या श्री बिड़ला ने इस रुझान के खिलाफ रास्ता चुना। उन्होंने स्कूल में ही फैसला कर लिया था कि वह सामाजिक उद्यमी बनेंगी। आज वह आक्सफर्ड युनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के साथ-साथ ही दादर स्थित अपने स्वतंत्र माइक्रोफाइनैंस के कार्यालय में समय देती हैं। स्वतंत्र माइक्रोफाइनैंस की महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई जिलों में 20 से अधिक शाखएं हैं और यहां 100 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।

What Indians think about Reservation?

GST में स्लैब की संख्या घटाने की तैयारी में सरकार